हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन को "बिहारुल-अनवार" पुस्तक से कॉपी किया गया है।
इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الہادی علیہ السلام
الهَزءُ فُکاهَةُ السُّفَهاءِ و صِناعَةُ الجُهّالِ
हज़रत इमामे हादी (अ.स.) ने फरमाया:
दूसरों का मज़ाक उड़ाना मांद बुद्धि और अज्ञानता की पहचान है।
बिहारुल अनवार,भाग 75,पेंज 174