۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/एक रिवायत में इमामे हादी (अ.स.) दूसरों का मज़ाक उड़ाने से मना करते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन को "बिहारुल-अनवार" पुस्तक से कॉपी किया गया है।
इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الہادی علیہ السلام

الهَزءُ فُکاهَةُ السُّفَهاءِ و صِناعَةُ الجُهّالِ

 हज़रत इमामे हादी (अ.स.) ने फरमाया:
दूसरों का मज़ाक उड़ाना मांद बुद्धि और अज्ञानता की पहचान है।

बिहारुल अनवार,भाग 75,पेंज 174

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