हौज़ा न्यूज एजेंसी के अनुसार , इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खमेनेई ने,पिता की कज़ा नमाज़ अदा करने के तरीके,के हुक्म के बारे में एक सवाल का जवाब कुछ इस प्रकार से दिया है: जो धार्मिक मामलों में रुचि रखते हैं।
हज़रत अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खमेनेई से पूछे गए प्रन्न के उत्तर इस प्रकार है:
सवाल: पिता की कज़ा नमज़े जो कि बड़े बेटे पर वाजिब हैं तो अगर बेटा खड़े होकर नमाज़ ना पढ़ सके तो क्या वह बैठ कर नमाज़ पढ़ सकता है, या वह(अजीर) उजरत पर नमाज़ पढ़ने वाले को मखसूस करें? और अगर इसके पास उजरत पर नमाज पढ़ाने के लिए पैसा ना हो तो उसका फरीज़ा क्या है?
उत्तर : अगर वह अपनी नमाज़े बैठकर पड़ता हैं, और भविष्य में उसके ठीक होने की कोई आशा न रहे तो वह बैठकर भी नमाज़ पढ़ सकता है और अज़ीर लेना ज़रूरी नहीं है।