हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,हमारी सिफ़ारिश ये है क़ुरआन की तिलावत कीजिए क़ुरआन से उनसियत पैदा कीजिए हदीसों से उनसियत पैदा कीजिए, हदीसों के ज़रिए अहलेबैते अतहार की तालीमात से आगाही हासिल कीजिए,
सबसे बढ़ कर अल्लाह तआला की तरफ़ ध्यान लगाइये, अल्लाह की ज़ात से अपने दिली रिश्ते को मज़बूत कीजिए दुआ के ज़रिए तवस्सुल के ज़रिए, ज़िक्र के ज़रिए अल्लाह से डर के ज़रिए नाफ़ेला नमाज़ों के ज़रिए।
अगर ये रिश्ता मज़बूती के साथ बना रहे और अधिक से अधिक मज़बूत होता जाए तो सभी मुश्किल काम धीरे-धीरे पूरे हो जाएंगे।
यह अस्ल काम हैं अल्लाह तआला से यह रिश्ता भी जो उसके सामने अदब से सिर झुकाए रहना और तवस्सुल के रूप में हैं अहलेबैत अ.स. के पाकीज़ा वुजूद से जुड़ा हुआ हैं।
इन्हें एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता ऐ अहलेबैते पैग़म्बर जिसने अल्लाह को पाना चाहा उसने आप से शुरुआत की सहीफ़ए सज्जादिया की दुआएं,
मुनाजाते ख़मसा अशर, दूसरी मुनाजातें और दुआएं जो अहलेबैत से हम तक पहुंची हैं दिलों को रौशन और मन को उज्जवल करती हैं। इंसान बहुत सी मारेफ़तें इन्हीं दुआओं के ज़रिए हासिल कर सकता है।
इमाम ख़ामेनेई,