۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / मनुष्य का उद्धार धर्म के धार्मिक सिद्धांतों में विश्वास और उसके व्यावहारिक तत्वों के पालन में है। नेक लोगों को हिदायत देना अल्लाह की नेमत है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफ़सीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
أُوْلَئِكَ عَلَى هُدًى مِّن رَّبِّهِمْ وَأُوْلَئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ   उलाएका अला हुदम मिर रब्बेहिम वा उलाएका हुमुल मुफ़लेहून (बक़रा 5)

अनुवादः ये वही लोग हैं जो अपने रब की ओर से मार्गदर्शन के योग्य हैं और संपन्न और सफल हैं।

📕 क़ुरआन की तफ़सीर: 📕

1️⃣    केवल अहले तकवा लोगों को ही बचाया जाता है और सआदत मंद है।
2️⃣    ग़ैब (अल्लाह और...) पर ईमान रखते हैं, जो रसूल पर ईमान रखते हैं और जो आख़िरत पर ईमान रखते हैं, वे हिदायत पाते हैं।
3️⃣    नमाज़ क़ायम करने और ज़कात अदा करने वालों को हिदायत दी गई है।
4️⃣    मनुष्य का उद्धार धार्मिक सिद्धांतों में विश्वास और उसके व्यावहारिक तत्वों के पालन में निहित है।
5️⃣    अहले तकवा लोगों का निर्देशित होना अल्लाह का आशीर्वाद है।

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📚 तफसीरे राहनुमा, सूरा ए बकरा
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