हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " आमाली सद्क,,पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه و آله
المؤمنُ إذا ماتَ و تَرَكَ وَرَقةً واحِدَةً علَيها عِلمٌ تَكونُ تِلكَ الوَرَقةُ يَومَ القِيامَةِ سِترا فيما بَينَهُ و بَينَ النّارِ، و أعطاهُ اللّهُ تباركَوتعالى بكُلِّ حَرفٍ مَكتوبٍ علَيها مَدينَةً أوسَعَ مِن الدُّنيا سَبعَ مَرّاتٍ.
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
अगर मोमिन मरते वक्त अपने बाद कागज़ का कोई एक ऐसा टुकड़ा भी छोड़ जाए जिस पर इल्म की कोई बात लिखी हुई हो तो यह कागज़ उसके और जहन्नम की आग के दरमियान रुकावट बन जाएगा और अल्लाह ताला हर उस शब्द के बदले जो उसे कागज़ पर लिखा हैं जन्नत में एक ऐसा शहर आता करेगा जो दुनिया से साथ गुना बड़ा होगा,
आमाली सद्क,पेंज 91,हदीस नं 64