हौज़ा न्यूज़ एजेसी के अनुसार, एंटरटेनमेंट के लिए जानवर पालने से संबंधित पूछे गए प्रशन का आयतुल्लाहिल उज़मा मकारिम शिराजी ने जवाब दिया है। जो लोग शरई मसाइल मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
प्रश्न: इमाम जाफ़र सादिक (अ) हदीस में कहते हैं: "यह बेहतर है कि एक आदमी अपने समय को चार भागों में विभाजित करे और फिर सलाह देता है कि इन चार भागों में से एक को केवल मनोरंजन में खर्च करे ।" यह इस बात का पता देती है कि एंटरटेनमेंट, मानव विशेष कर जवानो के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है, और यह इस बात का कारण बनती है कि दूसरे कर्तव्यो को अच्छी तरह अंजाम दे, यह ध्यान में रखते हुए जानवर को पालना एक एंटरटेंनमेंट भी है, और इसमे खिलकत खुदा के संबंध मे इल्मी और अनुसंधान पहलू भी पाता है, यह प्यार को मजबूत करता है और आत्मा, और ईश्वर की शक्ति भी सृजन का एक दृश्य है, तो इस संबंध में हज़रत अली का क्या दृष्टिकोण है?
उत्तर: उपरोक्त लाभों के तहत, न केवल जानवरों के नामांकन में कोई निषेध है, बल्कि इसके भौतिक और आध्यात्मिक लाभ भी हैं, लेकिन यह किया जाना चाहिए ताकि यह असाधारणता या जानवरों को चोट न पहुंचा सके।