हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद अली खामेनई ने जिस देश मे गुनाह के असबाब कसरत से पाए जाते हो ऐसे देश मे रहने के हुक्म के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहाकम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
सवालः उस देश में रहने का क्या हुक्म है जहाँ पाप के बहुत से कारण हों, जैसे नग्नता, अश्लील संगीत कैसेट सुनना आदि? और ऐसे व्यक्ति का क्या हुक्म है जो अब बालिग हो गया हो?
जवाबः ऐसे देशों में रहने की अनुमति है जहां पाप के कारण हैं, खासकर अगर किसी को वहां रहने के लिए मजबूर किया जाता है, लेकिन शरीयत द्वारा निषिद्ध चीजों से बचना उसके लिए अनिवार्य है, और इस तरह वह परिपक्व होना चाहिए शरीयत के फ़र्ज़ों को पूरा करने में और शरीयत के महरमों को छोड़ने में और दूसरे फ़र्ज़ों में कोई फ़र्क नहीं है।