हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे कुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
فَوَيْلٌ لِّلَّذِينَ يَكْتُبُونَ الْكِتَابَ بِأَيْدِيهِمْ ثُمَّ يَقُولُونَ هَـٰذَا مِنْ عِندِ اللَّـهِ لِيَشْتَرُوا بِهِ ثَمَنًا قَلِيلًا ۖ فَوَيْلٌ لَّهُم مِّمَّا كَتَبَتْ أَيْدِيهِمْ وَوَيْلٌ لَّهُم مِّمَّا يَكْسِبُونَ फ़वै लुल लिल्लज़ीना यकतोबूनल किताबा बेएयदीहिम सुम्मा यक़ूलूना हाज़ा मिन इंदिल्लाहे लेयश्तरो बेहि समानन क़लीलन फ़वै लुल लहुम मिम्मा कताबा एयदीहिम वा वैलुल लहुम मिम्मा यकसेबून (बकरा 79)
अनुवादः तो विनाश है उन लोगों के लिए जो अपने हाथों से एक (झूठी) किताब लिखते हैं और फिर कहते हैं कि यह अल्लाह की ओर से है ताकि इसके बदले में एक छोटी सी कीमत (सांसारिक लाभ) प्राप्त की जा सके। हाथ हैं और बर्बाद। उनके लिए उनकी इस कमाई पर
📕 क़ुरआन की तफसीर 📕
1️⃣ अल्लाह की किताब और धार्मिक कानूनों के शीर्षक के तहत विभिन्न विचारों को लिखना एक अपराध है, एक बड़ा पाप है और ईश्वरीय दंड का कारण है।
2️⃣ आसमानी किताब के शीर्षक के तहत अपने व्यक्तिगत विचारों को प्रसारित करना लेखन की तुलना में सख्त वर्जित है।
3️⃣ कुछ यहूदी विद्वान अपने विश्वासों और मिथकों को अल्लाह तआला से तथ्यों के रूप में जनता के सामने पेश करते थे और उनका उद्देश्य सांसारिक सुख प्राप्त करना था।
4️⃣ यहूदी लोग अपने विद्वानों की विकृतियों और विधर्मियों के खरीदार थे।
5️⃣ यहूदी विद्वान जो विकृत कर रहे थे और विधर्म का आविष्कार कर रहे थे, वे ही थे जिन्होंने अपने लोगों की त्रुटि को दूर किया।
6️⃣ धर्म और विधर्म से प्राप्त आय वर्जित और दैवीय दंड का कारण है।
7️⃣ नवोन्मेषों का आविष्कार करके या धर्म निर्माण की प्रक्रिया से जितनी भी आय प्राप्त होती है, और कितनी भी हो, वह बहुत ही तुच्छ और मूल्यहीन होती है।
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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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