۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
परिवार

हौज़ा/मियां बीवी के बीच सहयोग का मतलब आत्मिक सहयोग है कि औरत मर्द की ज़रूरतों को महसूस करे, नैतिक दबाव उस पर न डाले, कोई ऐसा काम न करे कि उसको ज़िन्दगी के मामलों में तनहाई का एहसास हो और ग़लत रास्ता अपनाने पर मजबूर हो,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने फरमाया: मियां बीवी के बीच सहयोग का मतलब आत्मिक सहयोग है कि औरत मर्द की ज़रूरतों को महसूस करे, नैतिक दबाव उस पर न डाले, कोई ऐसा काम न करे कि उसको ज़िन्दगी के मामलों में तनहाई का एहसास हो और ग़लत रास्ता अपनाने पर मजबूर हो,

ज़िन्दगी के मैदानों में दृढ़ता से आगे बढ़ने का उसको शौक़ दिलाए और प्रेरित करे। अगर काम काज की हालत ऐसी है कि घर के हालात पर उसका असर पड़े, मिसाल के तौर पर घर की किफ़ायत की हद तक चीज़ों को पूरा न कर पा रहा हो तो उसके सामने इसे बार बार न जताए,

यह बातें बहुत अहम हैं। दूसरी ओर शौहर का भी फ़रीज़ा है कि वह औरत की ज़रूरतों को महसूस करे, उसके जज़्बात को समझे और उसकी ओर से लापरवाही न बरते।

इमाम ख़ामेनेई,

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