हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अल्लाह तआला ने इंसान का जोड़ा इंसानों से क़रार दिया है, औरत का जोड़ा, मर्द का जोड़ा, ख़ुद उनके जैसे इंसानों में क़रार दिया है (ताकि तुम उनसे सुकून हासिल करो) ताकि इंसान चाहे मर्द हो या औरत अपनी बीवी या शौहर के साथ सुकून का एहसास करें,
ज़िन्दगी, मुक़ाबले के मैदान की तरह है और इंसान इस मैदान में हमेशा एक तरह की बेचैनी का शिकार रहता है, यह बहुत अहम चीज़ है। अगर यह आराम व सुकून सही तरीक़े से मिलता रहे तो उसकी ज़िन्दगी कामयाब गुज़रेगी, बीवी ख़ुद को ख़ुश क़िस्मत समझेगी,
बच्चे जो उस घर में पैदा होंगे और परवरिश पाएंगे किसी रुकावट के बग़ैर परवान चढ़ेंगे और नेक होंगे। यानी इस लेहाज़ से घर के सभी लोगों के लिए शुख़ क़िस्मती और कामयाबी की पृष्ठिभूमि मुहैया होगी।
इमाम ख़ामेनेई,