मंगलवार 13 सितंबर 2022 - 14:48
फ़ज़ायल व मसाएब में ज़बाने हाल के नाम से कुछ बयान करने का हुक्म

हौज़ा/अगर ये बात साफ़ हो कि बोलने वाला वह बात ज़बाने हाल से बयान कर रहा है और वह अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम के शायाने शान भी हो तो कोई हरज नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।


सवालः अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम के फ़ज़ायल व मसाएब बयान करते हुए ज़बाने हाल से (अपने तसव्वुर के मुताबिक़) कुछ कहने का क्या हुक्म है?

जवाबः अगर ये बात साफ़ हो कि बोलने वाला वह बात ज़बाने हाल से बयान कर रहा है और वह अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम के शायाने शान भी हो तो कोई हरज नहीं हैं।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha