हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसलुश् शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیه السلام
مَن أرادَ أن لايَضُرَّهُ طَعامٌ ... وَلْيُجِدِ المَضغَ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने फरमाया:
जो चाहता है कि उसकी खुराक उसे नुकसान न पहुंचाए तो उसे चाहिए कि खाने को खूब चबाकर खाए
वसलुश् शिया,भाग 24,पेंज,431