हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल : अगर किसी आदमी ने अपनी मीरास की वसीयत ना की हो तो वारसीन का क्या फर्ज़ हैं?
उत्तर : ऐसी सूरत में अगर मैय्यत पर कर्ज़ या हज हो तो इसे असली मीरास में से अदा किया जाए और बाकी मीरास उत्तराधिकारियों के बीच बांट दी जाएगी।
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