हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
اَلصَّبْرُ يُعَقِّبُ خَيْراً، فَاصْبِرُوا تَظْفُرُوا؛
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
सब्र का अंजाम भलाई और खैर है। इसलिए सफल होने के लिए धैर्य रखें।
बिहार उल-अनवार: भाग 71, पेज 96
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