۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
شرعی احکام

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने,,इमामें जमाअत से पहले रुकूअ से सर उठाने के हुक्म,, के बारे में एक सवाल के जवाब में निम्नलिखित बयान दिया गया है।

हौज़ा न्यूज एजेंसी के अनुसार , इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खमेनेई,,इमामें जमाअत से पहले रुकूअ से सर उठाने के हुक्म,,के बारे में एक सवाल का जवाब कुछ इस प्रकार से दिया है: जो धार्मिक मामलों में रुचि रखते हैं।


हज़रत अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खमेनेई से पूछे गए प्रन्न के उत्तर इस प्रकार है:


सवाल: इस बात को ध्यान में रखते हुए की नमाज़ के अरकान में कमी या ज़्यादा से नमाज़ बातिल हो जाती है, तो अगर मामून भूलकर इमाम से पहले रुकूअ से सर उठा ले, और तुरंत उसको ध्यान आये कि इमाम अभी भी रूकूअ में हैं, तो उस सूरत में इसकी क्या ज़िम्मेदारी है??


उत्तर: इसे चाहिए कि वह रुकूंअ में वापस लौट जाए और उस सूरत में रुकूअ के ज़्यादा होने पर नमाज़ को बातिल होने का सबब नहीं बनती, लेकिन अगर वह रूकूअ में जाएं और इमाम अगर रुकूअ से सर उठा ले और यह बाद में रुकूअ में जाए तो उस सूरत में नमाज़ बातील है।

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