۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
औरत

हौज़ा/एक औरत इल्म, मालूमात, रिसर्च और रूहानियत की किसी भी सतह पर, जो सबसे अहम रोल निभा सकती है, वह माँ और बीवी का रोल है, यह सब दूसरे कामों से ज़्यादा अहम है, यह ऐसा काम है जो औरत के सिवा कोई दूसरा नहीं कर सकता,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,एक औरत इल्म, मालूमात, रिसर्च और रूहानियत की किसी भी सतह पर, जो सबसे अहम रोल निभा सकती है, वह माँ और बीवी का रोल है, यह सब दूसरे कामों से ज़्यादा अहम है,

यह ऐसा काम है जो औरत के सिवा कोई दूसरा नहीं कर सकता। मैं फ़र्ज़ करता हूं कि एक औरत के पास दूसरी अहम ज़िम्मेदारी भी होंगी

बेशक उस ज़िम्मेदारी को संभाले- लेकिन उसे इस ज़िम्मेदारी को अपनी अस्ली व सबसे अहम ज़िम्मेदारी समझना चाहिए। इंसानियत का बाक़ी रहना और उसकी भीतरी सलाहियतों का विकास व निखार इस पर निर्भर है,

समाज की मानसिक सेहत इस पर निर्भर है, बेक़रारी  व बेताबी के समय सुकून व इत्मेनान इस पर निर्भर है, इसे नहीं भूलना चाहिए।

इमाम ख़ामेनेई،

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