۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
रहबर

हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,शादी और परिवार के साए में सुकून हासिल होना, ज़िन्दगी के अहम मौक़ों में से एक है। मर्द और औरत दोनों के लिए यह आत्मिक सुकून व आराम का ज़रिया और ज़िन्दगी की सरगर्मी को जारी रखने के लिए प्रेरित करने वाला साधन हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,शादी और परिवार के साए में सुकून हासिल होना, ज़िन्दगी के अहम मौक़ों में से एक है।

मर्द और औरत दोनों के लिए यह आत्मिक सुकून व आराम का ज़रिया और ज़िन्दगी की सरगर्मी को जारी रखने के लिए प्रेरित करने वाला साधन है।

सुकून का ज़रिया, इंसान की पूरी ज़िन्दगी के लिए ज़रूरी एक क़रीबी हमदर्द को पाने का ज़रिया, स्वाभाविक इच्छाओं से हटकर जिसमें यौन इच्छा भी है, नस्ल बढ़ाना और संतान होना भी इंसान की ज़िन्दगी की बड़ी संतुष्टियों में है। शादी बर्कत वाली और बहुत ही फ़ायदेमंद चीज़ है।

अलबत्ता शादी का सबसे अहम फ़ायदा, परिवार का गठन और बाक़ी बातें दूसरे दर्जे या पृष्ठिभूमि की हैसियत रखती हैं; जैसे नस्ल पैदा करना या इंसान की स्वाभाविक इच्छा की पूर्ति यह सब दूसरे दर्जे में आती हैं, पहले दर्जे में परिवार का गठन है।

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