۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में दोस्त और दुश्मन की पहचान कराई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया हैं।इस कथन का पाठ इस प्रकार है:


:قال الامام العلی علیهِ السلام

هَلَكَ فِیَّ رَجُلَانِ: مُحِبٌّ غَالٍ، وَ مُبْغِضٌ قَالٍ


हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मेरे बारे में दो किस्म के लोग तबाह और बर्बाद हुए :एक वह चाहने वाला जो हद से बढ़ जाए, और एक वह दुश्मनी रखने वाला जो अदावत और दुश्मनी रखें,
नहजुल बलाग़ा,हिकमत नं.117

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