۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
لکھنؤ میں شہدائے کربلا کی یاد میں چہلم کا جلوس انتہائی عقیدت واحترام سے نکالا گیا

हौज़ा/हज़रत पैगंबर इस्लाम मोहम्मद ए मुस्तफा स.अ. और इमाम हसन अ.स. की शहादत पर कर्बला सिविल लाइंस में नाना नवासे का मातम,निकला गया अलम व ताबूत का जुलूस, अज़ादारो ने पेश किया आंसुओ का नज़राना,मौलाना हिलाल ने मजलिस के कहा;मोहम्मद स.अ.के किरदार व अख़लाक की देन है जो 23 साल की तबलीग में इस्लाम पूरी दुनिया में फैल गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,बाराबंकी, नाना और नवासे का मातम से कर्बला सिविल लाइन में निकला अलम व शबीहे ताबूत का जुलूस अन्जुमन सदाये करबला ने की नौहा खानी व सीनाज़नी कि कर्बला सिविल लाइन में मौलाना हिलाल अब्बास साहब ने मजलिस में कहा जिसने अपने किरदार से ग़ैर क़ौमों से भी सादिक व अमीन का कलमा पढ़वाया उसे मोहम्मद स.ल.व.व. कहते हैं।

परवरदिगार ने इंसान को बिना मांगे इतनी नेमते अता कर दी कि वह जितना भी शुक्रिया अदा करे कम है।उन्होने यह भी कहा कि हर वो काम जिसमें मर्ज़िये परवरदिगार शामिल हो उसे इबादत कहते हैं । यह मोहम्मद स अ व के किरदार व अख़लाक की देन है जो 23 साल की तबलीग में इस्लाम पूरी दुनिया में फैल गया ।आखिर में मोहम्मद व आले मोहम्मद के मसायब पढ़े जिसे सुनकर सभी रोने लगे ।

मजलिस से पहले हाजी सरवर अली करबलाई ने मक़बूल जायसी का कलाम पेश करते हुए पढ़ा अल्लाह और रसूल से मनसूब हैं मगर ,शाबान है हुसैन का रमज़ान हसन का हर काम इनका हुक्मे इलाही का आइना ,जो है हुसैन का वही रुजहान हसन का इसके अलावाआसिम नक़वी ,रज़ा मेहदी व एहसान ने नज़रानए अक़ीदत पेश किए।

बाद ए मजलिस नज्रो नियाज़ के बाद अलम, ताबूत का जुलूस बरामद हुआ । मोमनीन ने ज्यारत की ।नौहा खानी व सीनाज़नी के साथ अलम ताबूत का जुलूस करबला कैम्पस में गश्त कर रौजे पर एख़्तेताम हुआ।अराकीने अन्जुमन व हाजी सरवर अली रिज़वी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।

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