۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
शरई

हौज़ा/अगर इसे मालूम हो जाएगी कि सुबह हो गई है तो ज़रूरी है कि मुंह के लुक्में (निवाला) को ऊगल दे और अगर जानबूझकर वह लुक्में (निवाला) को निगाल ले तो उसका रोज़ा बातिल है और उस पर कफ़्फ़ारा भी वाजिब है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शरई मसाईल:

सवाल: अगर कोई इंसान सेहरी कर रहा हो और इसे मालूम हो जाएगी की आज़ान सुबह हो गई है तो उस सूरत में क्या हुक्म हैं?

जवाब: अगर इसे मालूम हो जाएगी कि सुबह हो गई है तो ज़रूरी है कि मुंह के लुक्में (निवाला) को ऊगल दे और अगर जानबूझकर वह लुक्में (निवाला) को निगाल ले तो उसका रोज़ा बातिल है और उस पर कफ़्फ़ारा भी वाजिब है।

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