۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | अहले किताब अल्लाह के घर में अल्लाह की खुली निशानियों को झुठलाते हैं। अहले किताब की मुसलमानों के ख़िलाफ़ गुप्त गतिविधियाँ

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم  बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
قُلْ يَا أَهْلَ الْكِتَابِ لِمَ تَكْفُرُونَ بِآيَاتِ اللَّهِ وَاللَّهُ شَهِيدٌ عَلَىٰ مَا تَعْمَلُونَ  क़ुल या अहलल किताबे लेमा तकफ़ोरूना बेआयातिल्लाहे वल्लाहो शहीदुन अला मा ताअलमूना (आले-इमरान, 98)

अनुवाद: हे रसूल (स)) कहो! ऐ अहले किताब, तुम ईश्वर की आयतों को क्यों झुठलाते हो? यद्यपि जो कुछ तुम करते हो, परमेश्वर उसका गवाह है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ अहले किताब और काफ़िरों की शरारतों पर एतराज़ करना ज़रूरी है।
2️⃣ तथ्यों को बताने के बाद भक्ति विचलन का बौद्धिक रूप से सामना करना आवश्यक है।
3️⃣ किताब वाले अल्लाह के घर में अल्लाह की खुली निशानियों को झुठलाते हैं।
4️⃣ किताब वालों की मुसलमानों के ख़िलाफ़ गुप्त गतिविधियाँ।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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