۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
शौकत भारती

हौज़ा / 1400 साल पहले काबे में इमामत करने वाला इमामे काबा पुराने यजीद के खिलाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं रखता था क्यों की वो यजीद इब्ने मोआविया का गुलाम था और आज का इमामे काबा नेतन याहू और अमरीका जैस आज के यजीद के गुलाम किंग सलमान का सब से बड़ा गुलाम बना हुआ है कुछ भी नहीं बदला है,कल भी इमामे काबा बेहिस थे और आज भी बेहिस हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

लेखकः शौकत भारती

सब जानते हैं की दुनिया भर के मुसलमानो का सेंटर अल्लाह का घर का एक्सबा है जहां पर दुनिया भर के मुसलमान हज में इकठ्ठा होते हैं। आइए आपको बताते हैं की 1400 साल पहले जब ज़ालिम यजीद इमाम हुसैन को शहीद करने और इस्लाम को मिटाने का इकदाम कर रहा था तो सहाबा और सहाबा की औलादों की अक्सरियत बुजदिल और बेहिस इमामे काबा के पीछे नमाज़ पढ़ने और तवाफे काबा में मशगूल थी और किसी ने न ही यजीद की बैयत ही तोड़ी और न ही यजीद के खिलाफ एहतेजाज ही किया। आज 1400 साल बाद जब आज का यजीद नेतन याहू बैतूल मुकद्दस को गिराने और फिलीस्तीन को मिटाने के अमल में तेजी से लगा हुआ है तो आज भी ज्यादा तर मुस्लिम हुक्मरान अपनी बुजदिली का सुबूत दे रहे हैं और हज के लिए दुनिया भर से मक्का पहुंचने वाले मुसलमान उस बुजदिल और बेहिस खानए काबा के इमाम के पीछे जो फिल्सतीन के हक में और इसराइल की मुखलिफत में एक लफ्ज़ भी बोलने की हिमनत नहीं रखता अकीदत मंदी के साथ से काबे में नमाज़ पढ़ने में मशगूल है और काबे का चक्कर काटने में मसरूफ हैं।
1400 साल पहले काबे में इमामत करने वाला इमामे काबा पुराने यजीद के खिलाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं रखता था क्यों की वो यजीद इब्ने मोआविया का गुलाम था और आज का इमामे काबा नेतन याहू और अमरीका जैस आज के यजीद के गुलाम किंग सलमान का सब से बड़ा गुलाम बना हुआ है इस लिए वो भी आज के यजीद नेतन याहू के खिलाफ जुबान भी नहीं खोल पा रहा है। 1400 साल पहले वाले इमामे काबा ने इमाम हुसैन की दिफा में आवाज़ नहीं बुलंद कि और आज का इमामे काबा बैतूल मुकद्दस और फिलिस्तीन की दिफा में ज़ुबान खोलने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है, फिलिस्तीन में होने वाले कतले आम और भूख प्यास और तरह तरह के जुल्म ददेखने के बाद भी गूंगा बहरा और अंधा बना हुआ है। अफसोस है उन सारे मुसलमानो पर जो ऐसे बुजदिल और बेहिस इमामों के पीछे मक्के और मदीने में अकीदत से नमाज़ अदा कर रहे हैं। अगर मुसलमान ऐसे बुजदिल और बेहिस इमामों के पीछे नमाज़ ही पढ़ने से ही इंकार कर दें तो ये भी एक तरह का बड़ा एजतेजाज होगा और एक किस्म की फिल्सतीन की हिमायत होगी और आज के यजीद नेतन याहू और अमरीका के खिलाफ ये भी एक किस्म का एहतेजाज होगा।

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