۱۳ آذر ۱۴۰۳ |۱ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 3, 2024
सफर

हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दीन और नमाज़ की हिफाज़त करने की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसाइल उश-शिया" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمؤمنين عليه السلام

لایَخرُجُ الرَّجُلُ فی سَفرٍ یَخافُ مِنهُ علی دِینِهِ و صَلاتِهِ.

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:

इंसान को उस यात्रा पर नहीं जाना चाहिए जिसमें उसे अपने दीन और नमाज़ के बारे में खतरे का एहसास हो (यानी अगर उसे यह महसूस हो कि अगर वह इस यात्रा पर गया तो उसका दीन या नमाज़ उसके हाथ से निकल सकती है)।

वसाइल उश शिया, भाग 8, पेज 249

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .