۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
مراسم عزاداری امام حسین (ع) در کشور گینه

हौज़ा/ हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर आंसू बहाने और मरसिया पढ़ने के सवाद की ओर इशारा किए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "
सवाबुल अमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:


قال الامام الصادق علیہ السلام

مَنْ أَنْشَدَ فِی الْحُسَیْنِ ع شِعْراً فَبَکَی وَ أَبْکَی عَشْراً کُتِبَتْ لَهُ الْجَنَّةُ وَ مَنْ أَنْشَدَ فِی الْحُسَیْنِ شِعْراً فَبَکَی وَ أَبْکَی خَمْسَةً کُتِبَتْ لَهُ الْجَنَّةُ وَ مَنْ أَنْشَدَ فِی الْحُسَیْنِ شِعْراً فَبَکَی وَ أَبْکَی وَاحِداً کُتِبَتْ لَهُمَا الْجَنَّةُ وَ مَنْ ذُکِرَ الْحُسَیْنُ ع عِنْدَهُ فَخَرَجَ مِنْ عَیْنِهِ [عَیْنَیْهِ] مِنَ الدُّمُوعِ مِقْدَارُ جَنَاحِ ذُبَابٍ کَانَ ثَوَابُهُ عَلَی اللَّهِ وَ لَمْ یَرْضَ لَهُ بِدُونِ الْجَنَّة


हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


जो हुसैन इब्ने अली अलैहिस्सलाम की मुसीबत पर शेर पढ़ें और खुद रोए और दूसरे अफराध को रुलाए तो जन्नत उस पर वाजिब हो जाती है, और जो हुसैन इब्ने अली अलैहिस्सलाम की मुसीबत पर शेर पड़े और पांच दूसरे लोगों को रुलाए तो बहिश्त उस पर वाजिब हो जाती है, और जो हुसैन इब्ने अली अलैहिस्सलाम की मुसीबत पर शेर पढ़ें और खुद रोए और एक दूसरे अफराध को रुलाए तो जन्नत उस पर बाधित हो जाती है, और जो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को याद करके रोए और उसकी आंखों में से मक्खी के पर के बराबर आंसू जारी हो तो उसका आज्र व सवाब खुदा के पास है और अल्लाह तआला आलमे बहिशत से कम आज्र व सवाब नहीं देगा,
सवाबुल अमाल,पेंज 178

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