۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
مجتبیٰ علی شجاعی

हौज़ा/ अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम ने जिस बारीक बिनी से वेलायत को देखा उसको परखा और उसका दिफा किया अगर इस दौर में अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम जैसे विलायत का दिफा करने वाले हो तो लाखों यज़ीद करोड़ों शिम्र और उमरे साद पैदा हो जाए और यहां तक कि अगर वे विलायत--ए फ़कीह के विरोध में खड़े हो जाएं वे विलायत को एक तिनके के बराबर खराब नहीं कर सकते।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , जम्मू कश्मीर भारत केप्रसिद्ध पत्रकार, मुजतबा अली शुजाई,  सब एडिटर यूथ कश्मीर ने हज़रत अब्बास (अ.स.) के जन्म दिन पर बधाई देखते हुए कहा कि कमरे बनी हाशिम हज़रत अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम  पैरावाने विलायत  के लिए  नमूना-ए- अमल हैं।
उन्होंने कहा कि हज़रत अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम  ने बारीक बिनी से वेलायत को देखा उसको परखा और उसका दिफा किया अगर इस दौर में अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम जैसे विलायत का दिफा करने वाले हो तो लाखों यज़ीद करोड़ों शिम्र और उमरे साद पैदा हो जाए और यहां तक कि अगर वे विलायतए फ़कीह के विरोध में खड़े हो जाएं तो वे विलायत को एक तिनके के बराबर भी कुछ नहीं कर सकते।
अंत में उन्होंने कहा कि हज़रत अबुल फ़ज़लील अब्बास अलैहिस्सलाम पैकरे वफ़ा है़। बुलंद मुकाम पर फायेज़ हैं। कामिल बसीरत के हामिल है।
उन के जन्म दिन के अवसर पर  दिल की गहराई से बधाई।

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