हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद हुसैन मोमिनी ने हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स.अ.) मे संबोधित करते हुए कहा: अल्लाह ने इंसानों के लिए आकाश और पृथ्वी का निर्माण किया ताकि मानव तरक्की और विकास के लिए इन नेमतो का उपयोग करे।
उन्होंने आगे कहा: ख़ुदा वंदे आलम ने मनुष्यों को बाहरी और आंतरिक नैमते दी है और रज़्ज़ाक़ होने के हिसाब में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
धार्मिक अध्ययन के इस शिक्षक ने कहा: इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) का कहना है: "जाहिरी नैमत इमामे जाहीर है कि इमाम (अ.स.) के साथि इमाम की सेवा में उपस्थित होते और अपने प्यार का इजहार करते । यह इमाम की खिदमत मे हाजिर होना इमाम के वजूद की बरकतो से इस्तेफादा करना है और यह नेमते जाहिरी है।
हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन मोमिनी ने कहा: रिवायत के अनुसार, इमाम (अ.स.) का गायब होना बातिनी नैमत है और इमाम (अ.स.) की यह गैबत इंसानों के कामों के कारण है। इंसान के बुरे कर्म इमाम (अ.स.) की गैबत का कारण हैं।
हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स.अ.) की दरगाह के खतीब ने कहा: जो दुनिया के पीछे जाता है वह केवल परेशानी और बेचैनी में होता है। जबकि जिसका ध्यान आखेरत की ओर होता है वह एक उच्च पद का मालिक होता है क्योंकि अल्लाह के संत हमेशा आख़ेरत के बारे मे सोचते हैं और जो इमाम मासूम (अ.स.) पर ध्यान देता है वह सबसे अच्छा व्यक्ति होता है क्योंकि इस समय वह अपने दुनिया, आख़ेरत और इमामे मासूम (अ.स.) सभी को रखता है।