हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " अलबुरहान फितफसिरे अल कुरआन" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلى الله عليه وآله وسلم
بى اُنذِرتُم وَ بِعَلىِّ بنِ أبى طالِبِ اهْتَدَيتُم... وَ بِالْحَسَنِ اُعْطيتُمُ الإْحسانُ وَ بِالْحُسَينِ تَسعَدونَ وَ بِهِ تَشقونَ ألا وَ إنَّ الْحُسَينَ بابٌ مِن أبوابِ الْجَنَّةِ مَن عاداهُ حَرَّمَ اللّهُ عَلَيهِ ريحَ الْجَنَّةِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
मेरी वजह से तुम (अज़ाबे ख़ुदाबंदी) डराए गए हो और हज़रत अली अलैहिस्सलाम की वसीले से तुम ने हिदायत पाई है। और इमाम हसन अलैहिस्सलाम की वजह से तुम्हें एहसान और नेक़ी अता की गई है। और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के वसीले से तुम ख़ुशबख्त हुए और याद रखो हुसैन अलैहिस्सलाम जन्नत के दरवाज़ो में से एक दरवाज़ा है। जो उन से दुश्मनी करेगा अल्लाह ताला जन्नत की खुशबू भी उस पर हराम कर दी जाएगी,
अलबुरहान फितफसिरे अल कुरआन,भाग3,पेंज 232