हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " सवाबुल अमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیہ السلام
لَو يَعلَمُ النّاسُ ما في زِيارَةِ قَبرِ الحُسَينِ مِنَ الفَضلِ لَماتُوا شَوقا
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अगर लोगों को मालूम हो जाता कि इमाम हुसैन इब्ने अली अलैहिस्सलाम कि कब्र की ज़ियरत की कितनी फज़ीलत है तो वह उसकी ज़ियारत के इशतियाक में मर जाते
सवबुल अमाल,पेंज 319
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