हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने इख़्तियारी वतन के संबंध मे पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिलचिस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए प्रश्न और उसके उत्तर का पाठ प्रस्तुत कर रहे है।
💠 प्रश्न: एक दो महीने तक किसी दूसरे शहर मुन्तक़िल होने और उस जगह (शहर) को वतन के रूप मे इख्तियार करने का इरादा है, क्या मै अभी से - जबकि अभी उस शहर मे मुन्तक़िल नही हुआ हूं - दस दिन से कम मुद्दत वाले सफ़र मे वहां नमाज़ पूरी पढ़ सकता हूं ?
✅ उत्तर: आप जब तक जिंदगी गुजारने के उद्देश्य से बस नहीं जाते उस वक़्त तक नमाज़ क़स्र होगी।
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