हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने फरमाया:पैग़म्बर ने बड़ी सख़्तियां बर्दाश्त कीं। हज़रत अली ने बड़े दुख उठाए, दूसरे इमामों ने भी ज़ुल्म का सामना किया लेकिन इमाम हसन अ.स. जैसी हालत किसी की न थी।
यहीं से इमाम हसन अलैहिस्सलाम की अज़मत का पता चलता हैं। क्योंकि दूसरे इमामों को दुश्मनों ने तकलीफ़ें पहुंचाईं और दोस्तों ने ज़ख़्मों पर मरहम रखा मगर इमाम हसन अलैहिस्सलाम के साथ यह स्थिति नहीं थी।
आपके बिल्कुल क़रीबी व्यक्ति ने आपको मुख़ातिब करके कहा ऐ मोमिनों के लिए रुस्वाई!
इमामे हसन अलैहिस्सलाम का जनाज़ा ऑलमें गुरबत में उठना इमाम को ज़हर देना,और नाना के पहलू में दफना न होने देना,यह इमामे हसन अलैहिस्सलाम की मज़लूम के लिए सबसे बड़ा दिन हैं।
इमाम ख़ामेनेई,