۱۳ آذر ۱۴۰۳ |۱ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 3, 2024
शरई

हौज़ा / मां-बाप पर एहसान और उनका एहतेराम वाजिब है यहां तक कि अगर वह जवाब ना भी दे आप फिर भी इन्हें सलाम करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल : बाप को सलाम न करने वाले बेटे के लिए क्या हुक्म हैं?और अगर बेटा सलाम करें और बाप जवाब ना दे तो उसका क्या वज़ीफा हैं?

जवाब:  मां-बाप पर एहसान और उनका एहतेराम वाजिब है यहां तक कि अगर वह जवाब ना भी दे आप फिर भी इन्हें सलाम करें।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .