गुरुवार 6 जुलाई 2023 - 06:38
ईदे-ग़दीर के रोज़े का अद्भुत सवाब

हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में ईद ग़दीर के दिन रोज़ा रखने के अद्भुत सवाब की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "वसाइल अल-शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الصادق علیہ السلام:

صِيامُ يَوْمَ غَديرِ خُمٍّ يَعْدِلُ صِيامَ عُمْرِ الدُّنْيا لَوْ عاشَ اِنْسانٌ ثُمَّ صامَ ما عَمَرتِ الدُّنْيا لَكانَ لَهُ ثَوابُ ذلِكَ

हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:

ग़दीर-ए-ख़ुम के दिन रोज़ा रखना पूरी दुनिया के रोज़े के बराबर है, यानी अगर कोई व्यक्ति पूरी ज़िंदगी रोज़ा रखता है, तो ईद-ए-ग़दीर (एक दिन) के रोज़ा का सवाब सभी के लिए बराबर होता है। 

वसाइल अल शिया, भाग 7, पेज  324, हदीस4

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