हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाह अल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी से पूछे गए सवालों का जवाब कुछ इस प्रकार दिया हैं।
सवाल: अगर रोज़ा रखने वाला जानबूझ कर इस बात का इल्म रखते हुए कि वह रोज़े से है कुछ खा पी ले तो उसका क्या हुक्म हैं?
उत्तर:अगर रोज़ा रखने वाला जानबूझ कर इस बात का इल्म रखते हुए कि वह रोज़े से है कुछ खाता पीता है तो उसका रोज़ा बातिल हो जाता है, भले ही वह खाने पीने की चीज़ हो मसलन रोटी और पानी या ऐसी कोई चीज़ जो आमतौर पर खाया या पिया नहीं जाता है, जैसे कि मिट्टी और पेड़ का रस और चाहे वह कम हो या ज़्यादा यहाँ तक के अगर रोज़ेदार अपने मुँह से मिसवाक निकाले और उसे अपने मुँह में दुबारा ले जाए और उसकी तरी को निगल ले तो उसका रोज़ा बातिल हो जाएगा।