हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
विवाह और मुता के बीच अंतर
1⃣ मुता में अवधि और समय निश्चित होता है
लेकिन विवाह का समय निश्चित नहीं होता है।
2⃣ मुता मे मेहेर का निर्धारण करना आवश्यक है, अन्यथा विवाह मान्य नहीं होगा।
लेकिन
एक विवाह में मेहेर के बिना अनुबंध वैध है और मेहेर का भुगतान किया जाना चाहिए।
3⃣ मुता में विरासत निर्दिष्ट नहीं है,
लेकिन विवाह को परिभाषित किया गया है।
4⃣ मुता में पति पर भरण-पोषण अनिवार्य नहीं है।
लेकिन स्थायी विवाह मे पति पर पत्नि का भरण-पोषण वाजिब है।
5. मुता में तलाक अनिवार्य नहीं है।
लेकिन विवाह मे तलाक पढ़ना वाजिब है।
6⃣ मुता करने वाली महिला अपने पति की अनुमति के बिना घर से बाहर जा सकती है।
लेकिन
विवाह में यदि पत्नी के वियोग से पति का अधिकार छिन जाता है तो पत्नी का बाहर जाना वर्जित है, यह पाप है।
7⃣ विवाह मे चार विवाह सीमित है
लेकिन मुता की कोई सीमा नहीं है।