मंगलवार 20 दिसंबर 2022 - 09:47
मोमिन की खुसूसियात

हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मोमिन की 18 खुसूसियात बयान फरमाई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
 

:قال الامام العلی علیه السلام

الْمُؤْمِنُ بِشْرُهُ فِي وَجْهِهِ وَ حُزْنُهُ فِي قَلْبِهِ، أَوْسَعُ شَيْءٍ صَدْراً وَ أَذَلُّ شَيْءٍ نَفْساً، يَكْرَهُ الرِّفْعَةَ وَ يَشْنَأُ السُّمْعَةَ، طَوِيلٌ غَمُّهُ، بَعِيدٌ هَمُّهُ، كَثِيرٌ صَمْتُهُ، مَشْغُولٌ وَقْتُهُ، شَكُورٌ، صَبُورٌ، مَغْمُورٌ بِفِكْرَتِهِ، ضَنِينٌ بِخَلَّتِهِ، سَهْلُ الْخَلِيقَةِ، لَيِّنُ الْعَرِيكَةِ، نَفْسُهُ أَصْلَبُ مِنَ الصَّلْدِ وَ هُوَ أَذَلُّ مِنَ الْعَبْدِ

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


मोमिन के चेहरे पर खुशी और दिल में ग़म होता हैं, उसका साहस ऊंचा है और वह अपने हृदय में अपने को नीचा समझता हैं,अभिमान को नापसंद करता हैं और प्रसिद्धि से नफरत करता हैं। उसका दु:ख अनंत है और उसका साहस ऊंचा है।  बहुत खामोश, हर वक्त मशरूफ, साकिर साबिर, फिक्र में डूबा हुआ,हंसमुख और कोमल और उसका नफ्स पत्थर से भी कठोर हैं और वह आप ही दास से भी अधिक नम्र हैं।


नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं 333

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