۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
समाचार कोड: 391080
20 अगस्त 2024 - 10:37
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा/ इस आयत से यह निष्कर्ष निकलता है कि अल्लाह सर्वशक्तिमान हर चीज़ का मालिक है और सर्वशक्तिमान है। मनुष्य को इस तथ्य को समझना चाहिए और अपने जीवन में अल्लाह के मार्गदर्शन पर भरोसा करना चाहिए। यह आयत विश्वासियों के विश्वास को मजबूत करने का एक साधन है और उन्हें याद दिलाती है कि कुछ भी अल्लाह की शक्ति से परे नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम

وَلِلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۗ وَاللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ  वलिल्लाहे मुल्कुस समावाते वल अर्ज़े वल्लाहो अला कुल्ले शैइन क़दीर (आले-इमरान 189)

अनुवाद: और आसमानों और ज़मीन की हुकूमत अल्लाह की है और अल्लाह ही हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है।

विषय:

इस श्लोक का विषय ईश्वर की प्रभुता और शक्ति का वर्णन है।

पृष्ठभूमि:

इस सूरह का अधिकांश हिस्सा किताब के लोगों, विशेषकर ईसाइयों के साथ बातचीत और उनकी मान्यताओं में सुधार पर आधारित है। इस आयत में अल्लाह की पूर्ण संप्रभुता और शक्ति को याद दिलाया जा रहा है ताकि विश्वासियों को आश्वस्त किया जा सके कि अल्लाह की शक्ति हर चीज़ पर है और वह ब्रह्मांड का मालिक है।

तफ़सीर:

इस आयत में अल्लाह ताला ने अपनी महानता और शक्ति का वर्णन किया है। अल्लाह ही वह है जिसके अधिकार में आकाशों और धरती की संप्रभुता है। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ब्रह्मांड में जो कुछ भी मौजूद है वह अल्लाह की संप्रभुता के अधीन है, और सभी चीजों पर उसकी शक्ति है। इस आयत में मुसलमानों को अल्लाह पर विश्वास रखने और उसकी शक्ति को पहचानने का आश्वासन दिया जा रहा है।

इस आयत पर टिप्पणी करते हुए टीकाकारों ने कहा है कि यह अल्लाह की पूर्ण संप्रभुता की घोषणा है। यह व्यक्त करता है कि ब्रह्मांड का कोई भी हिस्सा अल्लाह की शक्ति से परे नहीं है। अल्लाह की शक्ति को स्वीकार करना मनुष्य को दुनिया की वास्तविकताओं से अवगत कराता है और उसे अपने जीवन में अल्लाह की इच्छा के अनुसार कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

परिणाम:

इस आयत से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि अल्लाह सर्वशक्तिमान हर चीज़ का मालिक है और सर्वशक्तिमान है। मनुष्य को इस तथ्य को समझना चाहिए और अपने जीवन में अल्लाह के मार्गदर्शन पर भरोसा करना चाहिए। यह आयत विश्वासियों के विश्वास को मजबूत करने का एक साधन है और उन्हें याद दिलाती है कि कुछ भी अल्लाह की शक्ति से परे नहीं है।

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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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